अब ये इतना भी मुश्किल नहीं हैं
आप क्यों इतना परेशान हैं?
आज कल हजारो लोग कैसे इस बीमारी को हरा चुके है।
कीमोथेरपी से सब संभव है।
जी डॉक्टर-बस सुधा ने इतना ही कहा था। या यूँ कहे वो बोलती भी क्या इससे इतर। वहाँ से निकल कर
वो चुपचाप ऑटो मैं बैठी और घर पहुँच गई इस बीच वो भूल गई थी। दीपक उसका #Rock and soul में इंतज़ार कर रहा था।
कुछ होश नहीं था उसे बस वो उस तुषारघात में थी। जिसने एक पल में उसकी जिंदगी में तूफान ला दिया था।
दीपक उसे लगातार फोन किये जा रहा था, वो बार बार देख के भी फोन इग्नोर कर रही थी।
उधर #Rock and soul में दीपक ने Rock aur soul के एक सेक्शन को रजनीगंधा और मोगरा के फूलो से सजा दिया था, लाल और नीले सफेद दिल वाले shape के गुब्बारों से वो कोना गुलजार था।। टेबल पर एक छोटा सा केक रखा था और 2-3 गिफ्ट्स, फुलो का बुके और एक रिंग रखी थी (वैसे ही रिंग जो शहर के बड़े जौहरी के पोस्टर में लगी हुए थी और उसकी टेग line थी - अपनों को और भी अपना कीजिये उन्हे ये तोहफा दीजिये)। और कुमार शानू के गाने बज रहे थे जो माहौल को और भी हसीं बना रहे थे,खाने के लिए सुधा की पसंद का पहले ही से सब आर्डर था।
मगर सुधा नहीं आई थी
ना ही वो फोन उठा रही थी।
बहुत परेशान हुआ था दीपक आखिर क्या वजह हैं?
आप क्यों इतना परेशान हैं?
आज कल हजारो लोग कैसे इस बीमारी को हरा चुके है।
कीमोथेरपी से सब संभव है।
जी डॉक्टर-बस सुधा ने इतना ही कहा था। या यूँ कहे वो बोलती भी क्या इससे इतर। वहाँ से निकल कर
वो चुपचाप ऑटो मैं बैठी और घर पहुँच गई इस बीच वो भूल गई थी। दीपक उसका #Rock and soul में इंतज़ार कर रहा था।
कुछ होश नहीं था उसे बस वो उस तुषारघात में थी। जिसने एक पल में उसकी जिंदगी में तूफान ला दिया था।
दीपक उसे लगातार फोन किये जा रहा था, वो बार बार देख के भी फोन इग्नोर कर रही थी।
उधर #Rock and soul में दीपक ने Rock aur soul के एक सेक्शन को रजनीगंधा और मोगरा के फूलो से सजा दिया था, लाल और नीले सफेद दिल वाले shape के गुब्बारों से वो कोना गुलजार था।। टेबल पर एक छोटा सा केक रखा था और 2-3 गिफ्ट्स, फुलो का बुके और एक रिंग रखी थी (वैसे ही रिंग जो शहर के बड़े जौहरी के पोस्टर में लगी हुए थी और उसकी टेग line थी - अपनों को और भी अपना कीजिये उन्हे ये तोहफा दीजिये)। और कुमार शानू के गाने बज रहे थे जो माहौल को और भी हसीं बना रहे थे,खाने के लिए सुधा की पसंद का पहले ही से सब आर्डर था।
मगर सुधा नहीं आई थी
ना ही वो फोन उठा रही थी।
बहुत परेशान हुआ था दीपक आखिर क्या वजह हैं?
दीपक के 66 फोन कॉल्स और 20 meesages थे
रोने लगी थी ये सब देख के
खुद को कमजोर कर दिया था उसने
दूर जाना चाहती थी वो बहुत दुर ,
दीपक से खुद से उसकी यादों से
क्योंकि नहीं चाहती थी दीपक भी उसके दर्द का भागीदार बने या उसे डर था की दीपक ये जान कर उसे छोड़ देगा जो उसके लिए कैंसर पर नासूर काम करेगा।
रोने लगी थी ये सब देख के
खुद को कमजोर कर दिया था उसने
दूर जाना चाहती थी वो बहुत दुर ,
दीपक से खुद से उसकी यादों से
क्योंकि नहीं चाहती थी दीपक भी उसके दर्द का भागीदार बने या उसे डर था की दीपक ये जान कर उसे छोड़ देगा जो उसके लिए कैंसर पर नासूर काम करेगा।
उसने हर एक कोशिश की दीपक ना पास आये यहाँ तक की झूठ भी बोला उसे उससे प्यार ही नहीं है।
उसे अब 2 दर्द थे,जिससे वो रोज लड़ती थी।
उसे अब 2 दर्द थे,जिससे वो रोज लड़ती थी।
दीपक से दूर जाने के लिये दीपक वहीं जो उसका सब कुछ था।। एक सहारा भरोसा सब कुछ और दूसरा इस दर्द से लड़ना।
दीपक ने 2-3 महीने तक हर रोज हर एक कोशिश की जानने की आखिर वजह क्या है? क्यों नहीं सुधा उसके साथ नहीं रिश्ता रखना चाहती क्यों नहीं बात करना चाहती।। रोता था चिल्लाता था फिर से फोन घुमाता।घंटो उन्ही जगहो पर खड़ा रहता जहाँ से सुधा से कोई भी सामना हो जाये
मगर हार चुका था वो, आज 2 जिंदगियाँ एक साथ लड़ रही थी एक जीने लियेे
और दूसरा मरने के लियेे
दीपक तो जैसे जीते जी मर गया था। खुद को उसने Ciggrate और शराब में डूबा दिया था।। आम तौर ये सबसे सरल था उसके लिए(लड़को को यहीं लगता हैं ना अक्सर कि cigg का कश लगाकर या शराब के घुट से वो मोहबत भुला देंगे और ऐसा सुनके उनकी प्रेमिका उनकी ओर दौड़ी चली आएगी कि क्यों पी रहे?मैं पास ही तो हूँ)
आखिर एक बार बता तो दे क्या वजह है ऐसे हजार सवाल खुद से पूछता।। उधर ऑफिस में उसका एक भी मन नहीं लगता कोई काम में आखिर लगता भी क्यों जिसके लिये सब करते हैं वहीं दूर जाए कैसा लगता हैं
इसमे सबसे ज्यादा फायदा मयंक और सुधीर को हुआ था। उन्होंने बॉस के कान भरे थे और उसे और परेशान करते उसे तंज कसते। कब रुका हैं समय किसी के लिये आज भी समय अपनी रफ़्तार से भाग रहा था।। मगर रुकी थी तो 2 जिंदगी उनके सपने उनके हौसले
आज 6 महीने बीत चुके थे इन सब बातों के मगर समय कब रुका हैं किसी के लिये। इन्ही सब बातों को सोचते सोचते वो सुधा की तस्वीर से बातें कर रहा था।
मगर हार चुका था वो, आज 2 जिंदगियाँ एक साथ लड़ रही थी एक जीने लियेे
और दूसरा मरने के लियेे
दीपक तो जैसे जीते जी मर गया था। खुद को उसने Ciggrate और शराब में डूबा दिया था।। आम तौर ये सबसे सरल था उसके लिए(लड़को को यहीं लगता हैं ना अक्सर कि cigg का कश लगाकर या शराब के घुट से वो मोहबत भुला देंगे और ऐसा सुनके उनकी प्रेमिका उनकी ओर दौड़ी चली आएगी कि क्यों पी रहे?मैं पास ही तो हूँ)
आखिर एक बार बता तो दे क्या वजह है ऐसे हजार सवाल खुद से पूछता।। उधर ऑफिस में उसका एक भी मन नहीं लगता कोई काम में आखिर लगता भी क्यों जिसके लिये सब करते हैं वहीं दूर जाए कैसा लगता हैं
इसमे सबसे ज्यादा फायदा मयंक और सुधीर को हुआ था। उन्होंने बॉस के कान भरे थे और उसे और परेशान करते उसे तंज कसते। कब रुका हैं समय किसी के लिये आज भी समय अपनी रफ़्तार से भाग रहा था।। मगर रुकी थी तो 2 जिंदगी उनके सपने उनके हौसले
आज 6 महीने बीत चुके थे इन सब बातों के मगर समय कब रुका हैं किसी के लिये। इन्ही सब बातों को सोचते सोचते वो सुधा की तस्वीर से बातें कर रहा था।
उधर सुधा अपना अपोलो में ईलाज करा रही थी आज फिर से उसका टेस्ट था और स्टेज 2 का फिर से कीमोथेरपी।
बहुत मुश्किल था, उसे भी अपनो की जरूरत थी,मगर उस अपने को वो ये सब बता के कमजोर नहीं करना चाहती थी
बहुत मुश्किल था, उसे भी अपनो की जरूरत थी,मगर उस अपने को वो ये सब बता के कमजोर नहीं करना चाहती थी
मगर यहाँ इतना अच्छा इलाज ही कहा था।
ये तो कभी डॉक्टर ने इसे खुल के नहीं बताया था वो तो हर हफ्ते टेस्ट दवाई केमोथेरपी के लिए हजारों ले रहे थे, सुधा के बहाने वो अपने को भी रोज आजमा रहे हो जैसे कि कौन सी दवाई इस रोग में कारगर हैं।
उधर दीपक भी ज्यादा Cigg शराब और चिंता की वजह से बीमार था ,ब्लड टेस्ट के लिये आया था अपोलो डॉक्टर भर्गाव के पास
सुधा डॉक्टर सिंह से कुछ सलाह ले रही थी, उधर दीपक डॉक्टर सुनील भर्गाव के क्लिनिक की तरफ मुड़ा ही था कि उसे सुधा और डॉक्टर सिंह दिखी।
पहले उसे विश्वास नहीं हुआ कि ये सुधा ही हैं, उधर डॉक्टर सिंह अगली कीमो की तारीख और नसीहते जैसे अब समय थोड़ा मुश्किल होने वाला हैं हो सकता हैं केमोथेरपी के असर से आपके बाल रोज गिरे या हो सकता हैं लगभग ना में ही बचे, थकान, नींद न आना, उल्टियां होना ये सब होगा और आपको सामना करना पड़ेगा हम यहीं चाहते हैं आप किसी अपने को हमेशा अपने पास रखे,, प्यार अपनेपन से परिवार से आप ज्यादा अच्छे से लड पाओगी।।
ये तो कभी डॉक्टर ने इसे खुल के नहीं बताया था वो तो हर हफ्ते टेस्ट दवाई केमोथेरपी के लिए हजारों ले रहे थे, सुधा के बहाने वो अपने को भी रोज आजमा रहे हो जैसे कि कौन सी दवाई इस रोग में कारगर हैं।
उधर दीपक भी ज्यादा Cigg शराब और चिंता की वजह से बीमार था ,ब्लड टेस्ट के लिये आया था अपोलो डॉक्टर भर्गाव के पास
सुधा डॉक्टर सिंह से कुछ सलाह ले रही थी, उधर दीपक डॉक्टर सुनील भर्गाव के क्लिनिक की तरफ मुड़ा ही था कि उसे सुधा और डॉक्टर सिंह दिखी।
पहले उसे विश्वास नहीं हुआ कि ये सुधा ही हैं, उधर डॉक्टर सिंह अगली कीमो की तारीख और नसीहते जैसे अब समय थोड़ा मुश्किल होने वाला हैं हो सकता हैं केमोथेरपी के असर से आपके बाल रोज गिरे या हो सकता हैं लगभग ना में ही बचे, थकान, नींद न आना, उल्टियां होना ये सब होगा और आपको सामना करना पड़ेगा हम यहीं चाहते हैं आप किसी अपने को हमेशा अपने पास रखे,, प्यार अपनेपन से परिवार से आप ज्यादा अच्छे से लड पाओगी।।
इतना कहकर डॉक्टर सिंह चली गई थी। सुधा हर बात में सिर्फ सर हिलाकर सहमति प्रकट करती गई।।
सुधा बुत बनी खड़ी थी।
दीपक सुधा के सामने आकर खड़ा हो गया था,
काटो तो खून नहीं सुधा की ये हालत थी। सन रह गयी थी वो उसे देखकर।
सुधा तेज कदमो से वहां से जाने लगी।। सुधा सुधा ये अच्छा नही कर रहीं हो तुम, रुको सुधा, रुक जाओ सुधा, कहकर दीपक भी उसके पीछे चल दिया था।
अपॉलो के गेट पर सुधा आ गई थी।
सुधा रुको इसका मतलब सब झूठ था तुम्हे प्यार ही नही था? तुम झूठ थी यहीं समझूँ ना मैं।
पीछे से हाथ पकड लिया था उसने
क्या बात हैं क्या छुपा रही हो? सुधा के हाथ से पूरी files और पेपर गिर गये थे
सुधा कुछ भी नहीं बोली, दीपक ने सब पढ लिया था,, दोनो आज इतना रोये थे जैसे आज 2 ही आँखो से किसी ने समंदर का बांध खोल दिया हो,, रो रो कर आज आँखे सुजा ली थी दोनो ने।
इतनी बड़ी बात छिपाई तुमने क्या सोचा था छोड़ दूंगा तुम्हें क्या लगा था मेरा प्यार सिर्फ बिस्तर वाला था? या वहीं था जिसमें एक के साथ जाने कितने लोगो से प्यार और उसी लहजे से बहुतों से बात की जाती हैं।।
इतना कुछ अकेले सहन किया कितनी खुदगर्ज हो तुम सुधा। तुमने भी मुझे बाकी जैसा समझा।
ऐसा नहीं है कुछ- सुधा ने सिसकते हुए कहा था।
दीपक सुधा को लेकर अब अपने कमरे में था एक बच्चे की तरह उसने सुधा को गोद में उठाकर बिस्तर तक पहुँचाया था।दवाई देकर उसके माथे को चुम लिया था और थपकी देने लगा था अपनी सुधि को वो।
दीपक सुधा को लेकर अब अपने कमरे में था एक बच्चे की तरह उसने सुधा को गोद में उठाकर बिस्तर तक पहुँचाया था।दवाई देकर उसके माथे को चुम लिया था और थपकी देने लगा था अपनी सुधि को वो।
एक हाथ से फोन पर उसने गूगल में अमेरिका के बेस्ट कैंसर डॉक्टरर्स की लिस्ट खंगाल डाली थी अपनी सुधि के लियेे उसने ।
Dr. Benjamin Moore जो Top 10 डॉक्टर्स में थे उनका अपॉइंमेंट् लिया था जो बुधवार का था।
उसने अपना हेल्थ इंसुरेंस प्लांस, अपनी FD's और छोटे मोटे जितने बचत थी,इधर उधर से जो भी हो पाया,कुछ उधार भी लिया सब एक साथ एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया था।
Dr. Benjamin Moore जो Top 10 डॉक्टर्स में थे उनका अपॉइंमेंट् लिया था जो बुधवार का था।
उसने अपना हेल्थ इंसुरेंस प्लांस, अपनी FD's और छोटे मोटे जितने बचत थी,इधर उधर से जो भी हो पाया,कुछ उधार भी लिया सब एक साथ एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया था।
कल शाम को दीपक और सुधा की फ्लाइट थी, दोनो एयरपोर्ट में साथ थे,, फ्लाइट आने में 2 घंटे थे अभी।।
बाहों में लिये था वो अपनी सुधि को दोनो एक दूसरे की तरफ देख रहे थे जैसे दीपक अपनी आँखो से कह रहा था,, मुझे क्या तुमने इतना कमजोर समझा था की छोड़ दूंगा तुम्हे, ऐसे कैसे सोच लिया था हर मर्द एक जैसा ही होता हैं इतना कमजोर तो कभी नहीं था मेरा प्यार जो तुम्हारे शरीर से शुरू होकर दूसरे के शरीर पर पहुँच जाता।मानता हूँ मैं लोगो ने आज प्यार की परिभाषा बदल दी हैं लेकिन मैं उन लोगो में तो नहीं।।
अब कैंसर क्या मैं यमराज से भी वापस आ जाउंगी, और तुम्हारी बाँहों में ही जिंदगी बिताऊंगी - सुधा ने आँखो ही आँखो में प्रतिउत्तर दिया था।
बाहों में लिये था वो अपनी सुधि को दोनो एक दूसरे की तरफ देख रहे थे जैसे दीपक अपनी आँखो से कह रहा था,, मुझे क्या तुमने इतना कमजोर समझा था की छोड़ दूंगा तुम्हे, ऐसे कैसे सोच लिया था हर मर्द एक जैसा ही होता हैं इतना कमजोर तो कभी नहीं था मेरा प्यार जो तुम्हारे शरीर से शुरू होकर दूसरे के शरीर पर पहुँच जाता।मानता हूँ मैं लोगो ने आज प्यार की परिभाषा बदल दी हैं लेकिन मैं उन लोगो में तो नहीं।।
अब कैंसर क्या मैं यमराज से भी वापस आ जाउंगी, और तुम्हारी बाँहों में ही जिंदगी बिताऊंगी - सुधा ने आँखो ही आँखो में प्रतिउत्तर दिया था।
दोनो की फ्लाइट आ चुकी थी चल दिये थे।।
कैसे लगी कहानी please बताइयेगा जरूर।
और अपने प्यार को रिश्तो को थामे रखियेगा भले ही किसी भी रूप में हो।।
और अपने प्यार को रिश्तो को थामे रखियेगा भले ही किसी भी रूप में हो।।
😊😊
ReplyDeleteAwsm story....
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