Wednesday, October 10, 2018

Ek rishta aisa bhi-2

सुबह के करीब 10:21 बजे थे
अचानक से फोन vibrate होता है
अनुज का मैसेज था
हेलो,good मॉर्निंग
Have a fine day।।
स्नेहा ने भी सिर्फ you too कह कर भेज दिया
अनुज के तुरन्त फ़ोन कर दिया
हेलो पागल लडक़ी क्या हुआ।
इतना rude व्यवहार क्यों कर रही
स्नेहा-अरे कुछ नही काम का प्रेशर है थोड़ा ये बॉस भी ना किसी पाप से कम नही होते जब देखो ये काम वो काम ये फ़ाइल वो फ़ाइल,ऐसा लगता है गुलाम हो हम सब।।
अनुज-बस बस झांसी की रानी शांत हो जाओ इतना गुस्सा
अच्छा ये बताओ आज लंच लाई हो या नही
स्नेहा-मुझे सुबह देर हो रही थी तो  मैं आज ऐसे ही आ गई
अनुज-रुको,मैं कुछ वहां आर्डर करके भेजता हूँ।।
स्नेहा-अनुज प्लीज इनसब की जरूरत नही है मैं कुछ खा लूँगी
अनुज-ऊपर देखते हुए हे भगवान क्या पागल लड़की है जब देखो भड़की हुई रहती है।।
अनुज-अच्छा सुनो आज शाम को     तुम्हरा favourite गोलगप्पे खाने चलते है वही जो नई रोड पर है।।।
स्नेहा-ठीक है देखती हूं
अनुज-सुनो मैंने एक शायरी बनाएं है सिर्फ तुम्हे ध्यान मे रख कर
स्नेहा-अच्छा अब एक और तुम्हारी बक़वास अच्छा सुनाओ
ऐसा कह कर स्नेहा तेज से हसने लगी
अनुज-"हमारी और आपकी दोस्ती इतनी गहरी हो कि,
नौकरी करो आप …सैलरी हमारी हो..!"
स्नेहा-हाहाहाहा तुम ना पागल हो पूरे।।
अच्छा अबbaad  main bat krte h कर उसने फ़ोन रख मगर क्या सिर्फ वो दोनों दोस्त ही

आखिर स्नेहा और अनुज बहुत अच्छे दोस्त थे इतने अच्छे की दोनों एक दूसरे  की हर बात समझते थे एक दूसरे की सपोर्ट करते थे एक दूसरे से सपनो की उड़ान देते है और हमेशा वही करते है जो एक सच्चा दोस्त करता है।।

मगर क्या सिर्फ वो दोनों दोस्त ही है
क्या दोनों के मन में एक दूसरे के लिए सिर्फ दोस्ती है या कुछ और।।
देखते है बने रहिये साथ।।।

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