Friday, January 11, 2019

युवा दिवस पर विशेष

हर युवा के प्रेरणा स्त्रोत और जिनके जीवन से हर एक को सीख मिलती हैंं। एक सन्यासी, धर्मगुरु और उससे भी बढ़कर वो व्यक्ति जो तन और मन से युवा रहे अाज उनकी ही जयंती हैं।
      स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था. वहीं अमेरिका के शिकागो में हुई धर्म सभा में अपने भाषण के कारण अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे. स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए. विशेषकर युवाओं के बीच में उनकी पैठ काफी मजबूत हुई।।इसी कारण उनके जन्म को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है.
"किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत रास्ते पर चल रहे हैं."

स्वामी जी का ये कथन हमें बताता हैं कि जब हम सही रास्ते में चल रहे होते हैं तो अनेक मुसीबतो का सामना करना पड़ता हैं यही रास्ते की कठिनाइयाँ बताती है कि नेक कार्य में अनेक बाधाये आएंगी मगर उन सभी से लड़ते हुए आगे बढ़ते जाना हैं।।
ऐसा ही एक और वाक्या हैं एक बार स्वामी जी से किसी ने पूछा - स्वामी जी अगर सब कुछ खो जाये तो क्या हम जीवित रह सकते हैं इंसान के पास कोई भी इच्छा ना हो तो।
स्वामी जी ने कहा - सबकुछ खोने से भी ज्यादा तो बुरा ये हैं कि वो  उम्मीद खोना जिसके दम पर हम सब कुछ वापस पा सकते हैं, इसीलिए  हमेशा एक सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और एक उम्मीद हमेशा रखनी चाहिए कि जीवन में कितना बुरा हो,कितनी भी कठिनाइया हो  लेकिन हमें कभी भी निराशा को नहीं आने देना चाहिए और सदैव एक आशा की किरण जला रखना चाहिए।


उनके जन्मदिवस को युवा दिवस मनाए जाने का मनाए जाने का कारण उनका व्यक्तित्व उनके बेबाक भाषण उनका ओजपूर्ण जीवन जीने का नजरिया तथा भारत की पहचान शिकागो में ही नहीं पूरे विश्व में फैलाने का मुख्य कारण है। उनका जीवन हमें दर्शन अध्यात्म और देश के लिए कुछ करने की समाज के लिए कुछ करना और दीन दुखियों की सेवा करना ही समझाता है स्वामी जी ने दीन दुखियों की सेवा करना ही सर्वश्रेष्ठ धर्म में बताया है।

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