Saturday, December 15, 2018

कितनी मजबूत होती है ना लड़कियाँ।

कितनी मजबूत होती है ये लड़कियां भी ना
कभी  अपने सपनों को छोड़ देती है किसी के भी लिये, कभी किसी के आ जाने पर खाता हुआ खाना छोड़ देती है।।
प्यार करती है बेहद प्यार करती है फिर कितना रोती है उसके लिये कभी उसके बात ना करने पर कभी उसके हर एक से एक ही लहजे से बात करने पर,कभी उसके झूठ को जानकर लड़ती है झगड़ती है और लास्ट में छोड़ देती है सब,, क्यों रोती है ?क्यों फर्क पड़ता है? क्योंकि वो तो नारी है खुद ममता की मूर्ति।,
उसी गरीब बच्चे की तरह जो लास्ट में मेले में अपनी पसंद का खिलौना ना मिलने पर मन को झूठी तसल्ली देकर घर आ जाता है।।
सच में कितनी मजबूत होती है ना ये लड़कियां भी
कभी किसी के लिये अपने सपनों को मारती है कभी किसी की खुशी के लिये दूसरे के सपनों को चुनती है।।
रास्ते में कितने अजीब गरीब ताने सुनकर भी रोज मजबूती के साथ उन्ही रास्तो से  स्कूल कॉलेज ऑफिस जाती है और मजबूती की नई परिभाषा गढती  है।।
कितनी मजबूत होती है कि अपना chracter सर्टिफिकेट दुसरो से बिन मांगे ही पा जाती है।।
ओफीस काम करती है तो सुनती है घर के नाम नही आते क्या करोगी दूसरे के घर जाकर,
हाउस वाईफ होती है,तो सुनती है करती ही क्या हो पूरे दिन घर में तुम क्या जानो?
हाँ सच है वो क्या जानेंगी!!
क्योंकि वो तो चाहे बाहर रहे या घर पर हजार काम के बाद भी तुम्हारे लिये समय निकाल ही लेती है।।
हाँ सच में कितनी मजबूत होती है ना लड़कियाँ।।

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