Saturday, October 20, 2018

Ek Rishta aisa bhi- final part


कुछ कही अनकही बातो के बीच में दोनों कपो की कॉफी ठंडी हो रही थी।।  स्नेहा ने एक लंबी साँस लेते हुए कहा -खैर हटाओ ये सब कॉफी पियो।।ये सब तो वो बाते है जिनको बस कभी कभी याद ही किया जा सकता है,वापस नहीं लाया जा सकता है।।अनुज ने भी स्नेहा की बातों को समझते हुए कहा-हाँ
 और क्या ।
फिर दोनों वहां से चल दिये,गाड़ी के स्टेरिंग को अनुज अचानक से धीमा करता है,और रेडियो में चलते
 गाने का वॉल्यूम कुछ बढ़ा कर गाने को दोनों ध्यान से सुन रहे थे।
                    हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं  जानते🎺🎸🎻
                    मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना।।
                               हमें तुमसे प्यार कितना..........

कितना सुकून भरा गाना था,शब्द बहुत कुछ कह रहे थे
और ठंडी हवा से स्नेहा के बाल कुछ उड़ के चहेरे पर आ रहे थे जो उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे।।और अनुज के लिए उससे सुदंर कोई और ना था।।
कुछ मिनटों बाद स्नेहा का p. G. आ चुका था
सुनो अनुज byee चलती हूं मैं☺👧
अनुज-कितनी बार कहा है ना मुझे bye मत बोला करो आज फिर कह रहा हूँ
स्नेहा-हे भगवान!अच्छा बाबा नही कहूंगी चलते है
स्नेहा और अनुज
 दोनों अपनी मंजिलो की तरफ बढ़ चुके थे।।
 मोहित के बातो के बाद अनुज ने स्नेहा को और भी समझना शुरू कर दिया था,उसका और ख्याल रखना शुरू कर दिया था।
ऐसे ही दिन बीतते गए।।दोनों अपनी ज़िंदगी में कुछ खुशी कुछ गम से रूबरू हो रहे थे मगर दोनों साथ थे।।।
कोई भी रिश्ता हो उसकी सबसे बड़ी खासियत होती है की आप हमेशा साथ रहे
अच्छा बुरा जैसा भी जो हो
शाम बहुत सुहानी थी,स्नेहा के ऑफिस के बाहर शाम करीब 5 बजे अनुज उसका बाहर ही इंतज़ार कर रहा था बाइक से था वो आज red बाइक स्नेहा को बिना बातये आज उसके लिए surpirse था।।
स्नेहा-बाहर निकलते ही  चौकते हुए अनुज तुम ।।
अनुज को देख कर वो बच्चो की तरह खुश हो गई जैसे एक बच्चे को स्कूल की छुट्टी के बाद उसके माँ बाबा लेने आते है कुछ वैसा ही स्नेहा अनुज को देख के खुश थी।।
हवा सच में बहुत ठंडी थी उस शाम की,स्नेहा शांत थी
अनुज-बोलो ना कुछ बोल क्यों नही रही
स्नेहा-क्या बोलू??
अनुज-अब ये भी क्या कुछ भी बोल दो इतना तो हमेशा बोलती हो।
स्नेहा-अच्छा मैं बहुत बोलती हूँ।।
हू😒😒
अनुज-ये लड़कियां भी ना इतना तो बोलती है फिर भी हमेशा यही सुनना चाहती है की ये कितना शांत रहती है अनुज ने मन ही मन खुद से कहा
अचानक एक ढाबे के किनारे में अनुज ने बाइक रोकी,आओ स्नेहा कुछ खाते है||
तुम भी सुबह से भूखी हो  होगी।।
ऐसा लग रहा था सब स्नेहा की पसंद का था, दोनों खाना खाते है
।खाना खाने के बाद जब वहां से चलते है तो अनुज ने स्नेहा का हाथ हल्के से touch किया
स्नेहा ने हाथ हटाते हुए कहा- क्या हुआ अनुज कुछ कहना चाहते हो क्या??
अनुज-हाँ,
आवाज में भारीपन और जिम्मेदारी का अहसास लेते हुए
कहा-मुझे नही पता तुम मेरे लिए क्या सोचती हो,मगर मेरे लिए प्यार का मतलब सिर्फ तुम हो और मैं उसके आगे कुछ नही सोचना चाहता। स्नेहा मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं 💐
क्या तुम मुझसे शादी करोगी?
देखो अगर तुम्हारी ना होंगी ना तब भी मैं युही तुम्हारा साथ हमेशा दूंगा।।
स्नेहा-चौकते हुए ये क्या हो रहा है?😢 उसने कभी नही सोचा था अनुज ये कहेगा,क्योकि अनुज क अच्छे दोस्त से पहले एक प्यारा इंसान भी था, वो अनुज जिसने आज तक ऐसा मजाक में भी नही कहा।।
स्नेहा-अनुज मैं इनसब के लिए फिलहाल तैयार नही हूँ
ऐसा नही हैं कि मैं किसी और से प्यार करती हूं या कुछ और मगर अभी नही
मैं और समझना चाहती हूं और टाइम देना चाहती हूं अपने रिश्ते हो ताकि हम जब साथ हो तो छोटी छोटी बातों पर अलग ना हो।।
ऐसा कह कर स्नेहा ने अनुज का हाथ अपने हाथ में ले लिया था
और उस शाम की हवा ने भी दोनों के रिश्ते को और मजबूत कर दिया ऐसा लग रहा था कुदरत भी यही चाहती है
शायद स्नेहा भी अनुज को चाहती थी मगर वो अपने रिश्ते को और टाइम देना चाहते थी प्यार की सीढ़ी से पहले दोस्ती की सीढ़ी को मजबूत करना चाहती थी।।क्योकि वो नही चाहती थी उसका रिश्ता आज कल चलने वाले 4 दिन वाले प्यार की तरह हो जिसमे कब आप अपने साथी को छोड़कर दुसरो के साथ इतना मगन हो जाते है कि खुद को ही कभी कभी धोखा दे देते है।।
बस इतनी सी थी ये कहानी

और कहानी यूँही चलती रही
मैं इस कहानी का अंत देके इसे खत्म नही करना चाहती
ये लास्ट पार्ट हैं
अगर मैं इसका अंत लिख देती तो ये यही खत्म हो जाती मगर ये तो प्यार है ना जो युही चलता रहेगा स्नेहा और अनुज युही अपने रिश्ते को आगे बढ़ाते रहेंगे।।और प्यार को निभाएंगे।।वो प्यार ही क्या जो समय के साथ खत्म हो जाये।।
दोस्तो बताएगा जरूर कैसे लगी आपको कहानी||


9 comments:

  1. अति सुंदर कहानी ।। प्रेम की सच्ची परिभाषा बताने के आपका दिल से शुक्रिया ।।।। आप ऐसे हीअपने लेखो से हम सभी को गौरवान्वित करते रहे ।
    धन्यवाद आपका ।।

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  2. Khani acchi hai
    Aise hi likhti rho
    Shubhkamnaye

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  3. Next new story kb aye gi I am waiting yr

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    1. Thank you.. Jald hi new story ke aayegi.. aise hi padhaai ki aadat bnaye rahe.. Shukriya

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