Wednesday, February 13, 2019

बैंक अकाउंट जैसा भावनाओं का अकाउंट

पहले हम ज्यादा पैसे के लेन देन पर या बचत पर बैंक एकाउंट खोलते थे आज भी वही करते है।।
कुछ सालो से हमने अपनी भावनाओं को अपने जज्बातों को अपने मित्रता के दायरे को और बढ़ाने के लिए फेसबुक एकाउंट, ट्विटर एकाउंट और कुछ खास व्हाट्सअप अकाउंट खोलने शुरू कर दिये।। कभी कभी भावनाओ की किस्त इतनी गाढ़ी कमाई की होती है कि जिन्हे जानते भी नही उनसे भी बातों के लेन देन हो जाते है।।
जिनसे दूर दूर तक सात जन्मो तक रिश्ता नही होता है उनके P. A,, T. A और ब्याज का ईजाफ़ा हम शिद्दत से करते है क्योंकि यहां जो जीवन का कहीं खालीपन होता है या लम्हो की खुशी होती है जो हम सबको बताना चाहते है। वो बताते है। कुछ रिश्ते इतने मजबूत कर लेते है कि वो जीवन भर सुख दुख उल्लास हर एक में भले ही सामने से ना पाये मगर आभासी रूप से कहीं ना कहीं बेहद सलीके से याद किये जा रहे होते है।।
कुछ यहां फेक एकाउंट वाले भी होते है जिनका कोई काम नही होता फर्जी नुकसान पहुँचाने को मंडराते है मगर वो पहचान लिये जाते है जल्द ही  पूरे फेसबुक  द्वारा ब्लॉक कर दिये जाते है आखिर हम नुकसान पहुँचाये ही क्यों किसी को? भले कोई वास्तविक हो या आभासी  क्योंकि ये भी एक परिवार की तरह हो जाता है फेसबुक।
अच्छे लोग भी होते है जो भावनाओ को किस्त टाइम टू टाईम देते है अपनी पासबुक भी समय से प्रिंट कराते चलते है दूसरे पर विचार रख कर कर खुशियाँ गम लम्हे साझा करते है और वो अंत में ढेर सारा क्रेडिट ले जाते है।। कुछ लोग आपकी बहुत ही सीरियस पोस्ट, फोटो या सामाजिक पर जोरदार हसने का रियक्ट कर देते है ये वही लोग होते है जिनको ऐसे कामो से कोई मतलब ही नही होता वो खुद को सबसे सुपर और आपको कमतर समझते है मगर कोई नही दुनिया है समझौते करते चलने है प्यार के बल से उन्हे साइड से इग्नोर करना होता है जैसे sbi वालो को देर से काम ना करने पर कितना कस्टमर बातें सुनाते है मगर उनकी चमड़ी में कोई असर नही होता आपको भी अपना मोरल डाउन नही करना मगर अपना काम जरूर करते चलना है।।
खुशिया बाटते चलनी है


No comments:

Post a Comment