: जिनेवा संधि के तहत पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनंदन जी को वापस लौटाना ही पड़ेगा
1949 में लागू हुये इस समझौते का मुख्य कार्य दुश्मन देश से अपने सैनिक वापस लाना था।
वो बंदी बना भी लेते है तो उन्हे नुकसान नही पहुँचा सकते उनसे उनकी जाति, धर्म, जन्म स्थान, घर परिवार भी नही पूछ सकती देखिये इस संधि के तहत क्या है??
सन 1949 से लागू हुई संधि का मकसद ऐसे सैनिकों की रक्षा करना है जिसे दुश्मन देश की सेना ने पकड़ लिया हो।
इस संधि के मुताबिक पकड़े गए सैनिक के साथ मानवीय बर्ताव किया जाएगा।
जैसे ही किसी देश के सैनिक, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, उसे पकड़ा जाता है, संधि उसी समय लागू हो जाती है।
इस संधि के तहत किसी भी बंदी को प्रताड़ित करना गैर-कानूनी है।
सैनिक के पकड़ते समय उसकी जाति, उसका रंग, धर्म, जन्म या पैसा और इस तरह की बातों के बारे में नहीं पूछा जाएगा।
अगर जरूरत पड़ी तो कैदी सिर्फ अपना नाम, जन्मतिथि, रैंक और सर्विस नंबर को ही बताएगा।
सैनिक को किसी प्रकार का नुकसान नही पहुँचाया जायेगा
जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधा भी दी जाएगी
जय हिंद
1949 में लागू हुये इस समझौते का मुख्य कार्य दुश्मन देश से अपने सैनिक वापस लाना था।
वो बंदी बना भी लेते है तो उन्हे नुकसान नही पहुँचा सकते उनसे उनकी जाति, धर्म, जन्म स्थान, घर परिवार भी नही पूछ सकती देखिये इस संधि के तहत क्या है??
सन 1949 से लागू हुई संधि का मकसद ऐसे सैनिकों की रक्षा करना है जिसे दुश्मन देश की सेना ने पकड़ लिया हो।
इस संधि के मुताबिक पकड़े गए सैनिक के साथ मानवीय बर्ताव किया जाएगा।
जैसे ही किसी देश के सैनिक, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, उसे पकड़ा जाता है, संधि उसी समय लागू हो जाती है।
इस संधि के तहत किसी भी बंदी को प्रताड़ित करना गैर-कानूनी है।
सैनिक के पकड़ते समय उसकी जाति, उसका रंग, धर्म, जन्म या पैसा और इस तरह की बातों के बारे में नहीं पूछा जाएगा।
अगर जरूरत पड़ी तो कैदी सिर्फ अपना नाम, जन्मतिथि, रैंक और सर्विस नंबर को ही बताएगा।
सैनिक को किसी प्रकार का नुकसान नही पहुँचाया जायेगा
जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधा भी दी जाएगी
जय हिंद
Jay hind
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