Monday, February 25, 2019

किस्तो का इतवार

देखो ये पढ़ना शायद अच्छा लगे तुम्हे,
अरे क्यों नही मैं तो फ्री ही था इंतज़ार ही था इससे अच्छा कुछ पढ़कर ही समय बीता लूँ- उसने कहा था

अच्छा इंतजार किसका  - लड़की ने पूछा था

कितनी किस्ते देने के बाद तो ये सन्डे मिलता है और आज अपने शहर का मौसम देख रही हो ऐसा लग रहा है सिर्फ प्यार के लिये ही बना है पूरा शहर प्यार में तब्दील होना चाहता है

मगर मैं तो भूल ही गया था तुम्हे अपनी किताबो से कहा फुरसत जो तुम चलती कही- उसने कहा था

हद है मतलब अब मेरी किताबे कहा से बीच में आ गई तुम्हे तो बहाना चाहिये किताबो को कुछ कहने का- लड़की बोली थी।

अच्छा चलते है - गुस्से की नजाकत को भापते हुये बोली थी वो

उस छोटे से शहर की  सड़को में आज रोज से कुछ कम हलचल थी शायद बारिश आने का इशारा था ये तभी लोग घर के बाहर कम निकले थे
जो थे भी उनमे ज्यादतर कपलस् या जिनकी शादी  को कुछ साल ही हुए है ऐसे ही लोग दिखाई पड रहे थे

आसमान भी आज काले बदलो से कैद हो रहा था हवा हल्की बर्फीली थी जो सिरहन पैदा कर रही थी, बारिश ने  शहर को अपनी गिरफ्त में कर लिया था वो दोनो भी खुद को बचाने के लिये चारो ओर नजरे घुमा रहे थे, चारो तरफ भागते लोग थे जानवर भी खुद को  छाव के नीचे आसरा चाहते थे
देखा कहा था ना मैंने कि मगर तुम कुछ ज्यादा ही शाहरुख़ चच्चा की  फिल्मो से एफेक्टेड हो तुम्हे तो ये किस्तो का इतवार चाहिए था - गुस्से में वो बोली थी

पता नही क्यों उसके गुस्से से भी लड़के को प्यार आ रहा है मन कर रहा था सुनता ही जाये उसे मुस्कुरा दिया था वो पूरे हफ्ते यही सब तो सुनना चाहता है मगर ये काम, ऑफिस, प्रोजेक्टस,इंक्रीमेंटस इन सब की वजह से वो अपनी जिंदगी का सबसे खूबसूरत इंक्रीमेंट वो रोज मिस करता था ऐसा नही था कि पूरे हफ्ते वो दूर रहता था मगर कहते है ना इतवार तो वैसे भी फुरसतिया होता है

अब हंस क्यों रहे हो मुझे बहुत गुस्सा आ रही है तुम पर - लड़की बोली थी
 अरे गुस्सा क्यों लड़कियों को तो वैसे भी बारिश बहुत पसंद होती है ना या तुम इसलिए गुस्सा कर रही कि तुम्हरा पूरा मेकअप धुल जाएगा।
 लड़की बहुत ज्यादा गुस्से से😡😡- मुझे पता है तुम्हारे पास यही सब बकवास रहती है बड़बडाते हुये तेज कदमो से आगे बढ रही थी शायद उन कदमो में बारिश से बचने का डर कम और मेकअप वाली बात का गुस्सा ज्यादा था

लड़के के अंदर भी अब कालीन भैया की आत्मा आ गई थी और ये याद शहर की बारिश जो ना कराये  कम था उसपे से किसी को नाराज करना उफ्फ्फ

अच्छा बाबा सुनो मैं तो मजाक कर रहा था और ऐसे बारिश में नाराज होना अच्छी बात नही थोड़ी दूर आगे चल कर एक छोटी सी चाय की टफरी थी फिलहाल बारिश से बचने के लिये ये सही भी था
 भैया 2 अदरक वाली चाय बनाना - लड़के ने बोला था

लड़की के गाल अभी भी गुस्से से लाल थे आँखे तो मानो ऐसे थी जैसे ज्वालामुखी  फटने के बाद के  हल्के अंगारे रह रह कर निकल रहे हो

बगल में एक लड़का लडकी अपनी ही बातों में बिजी थे उनके बैग्स देख के लग रहा था किसी पास की कोचिंग के थे उम्र भी ज्यादा नही थी दोनो एक ही काँच के ग्लास में चाय पी रहे थे और उनकी अपनी ही छोटी सी दुनिया में खोये हुए थे
उनकी हथलियाँ एक दूसरे को कैद करे थी, ऐसा लग रहा था इस नफरत और कमोपेश की दुनिया में ये भी हो सकता है क्या??

भैया दो नही एक ही चाय देना - अचानक लड़की बोल पड़ी थी
शायद ये उनके ही प्यार के वायरस थे जो इधर भी फिजाओ में गुस्से को खत्म कर चुके थे
लड़की ने आगे बढ़कर लड़के का हाथ थाम लिया था, हथलियाँ ठंडी थी मगर उंगलिया आज एक दूसरे से बहुत खुश लग रही थी मानो एक दूसरे में ऐसे खोई थी जैसे अब कह रही हो अब कभी नाराज ना होना☺।।




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