चिड़ियों से मैं बाज
लडाऊ , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ !
सवा लाख से एक लडाऊ तभी गोबिंद सिंह नाम
कहउँ !!
लडाऊ , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ !
सवा लाख से एक लडाऊ तभी गोबिंद सिंह नाम
कहउँ !!
ये वाक्य गुरु गोबिंद सिंह के बारे में युही नही कहा जाता है।
चमकौर के युद्ध में मुगल सेना ने गुरु गोबिंद सिंह पर बुरी तरह हमला किया हुआ था
वजीर खाँ की मुगल सेना किसी भी तरह गुरु गोबिंद को जीवित या मृत्य पकड़ना चाहती थी।। इस युद्ध में गुरु गोबिंद जी के 2 पुत्र जिन्हे हम सहिबजादे भी कहते है, फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह युद्ध में अपने तन मन से माँ भारती और धर्म की रक्षा के लिये लगे हुए थे।। वजीर खां ने दोनों साहिबजादों को काफी डराया, धमकाया इस्लाम कबूल करने के लिए राज़ी करना चाहा, लेकिन दोनों अपने निर्णय पर अटल थे।।
अंत में उन्हे दीवार पर चुनवा दिया गया था।
"इनके अलावा सिर्फ 40 सिख और थे।। और सामने 40 लाख लोगो की विशाल मुगल सेना तब एक एक सिख लगभग सवा लाख से लड़ा था।"कोई मामूली बात नही थी ये।।
अपने धर्म की रक्षा के लिये उन्होंने अपना बलिदान दे दिया था।।ये युद्ध पंजाब में सिरसा नदी के किनारे चमकौर में 21-23 दिसम्बर तक चला था।।
वैसे उनके चारो साहिबजादे गुरु जी की जान थे और चारो धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गये थे।।गुरु गोबिंद और उनका पूरा परिवार त्याग, वीरता और धर्म रक्षा की मिशाल है।।
चमकौर के युद्ध में मुगल सेना ने गुरु गोबिंद सिंह पर बुरी तरह हमला किया हुआ था
वजीर खाँ की मुगल सेना किसी भी तरह गुरु गोबिंद को जीवित या मृत्य पकड़ना चाहती थी।। इस युद्ध में गुरु गोबिंद जी के 2 पुत्र जिन्हे हम सहिबजादे भी कहते है, फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह युद्ध में अपने तन मन से माँ भारती और धर्म की रक्षा के लिये लगे हुए थे।। वजीर खां ने दोनों साहिबजादों को काफी डराया, धमकाया इस्लाम कबूल करने के लिए राज़ी करना चाहा, लेकिन दोनों अपने निर्णय पर अटल थे।।
अंत में उन्हे दीवार पर चुनवा दिया गया था।
"इनके अलावा सिर्फ 40 सिख और थे।। और सामने 40 लाख लोगो की विशाल मुगल सेना तब एक एक सिख लगभग सवा लाख से लड़ा था।"कोई मामूली बात नही थी ये।।
अपने धर्म की रक्षा के लिये उन्होंने अपना बलिदान दे दिया था।।ये युद्ध पंजाब में सिरसा नदी के किनारे चमकौर में 21-23 दिसम्बर तक चला था।।
वैसे उनके चारो साहिबजादे गुरु जी की जान थे और चारो धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गये थे।।गुरु गोबिंद और उनका पूरा परिवार त्याग, वीरता और धर्म रक्षा की मिशाल है।।
वैसे ये मैंने काफी सीमीत लिखा है कहीं कोई तथ्य कही से भिन्न हो तो माफ़ी।।और ज्यादा पढ़ना हो तो बतायेगा
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