आज जहाँ पूरे देश में राम नाम का शोर मचा हुआ है।। वहाँ देश में एक ऐसा स्थान भी है जहाँ राम का सम्मान उनका मान कोई भी 400 वर्षो से डीगा नही पाया।।
स्वयं सरकारी तंत्र के सिपाही बाकायदा 2 दिन में सलामी देते है।। मध्य प्रदेश पुलिस के की ओर से सूर्योदय व सूर्यास्त के समय मंदिर में बंदूकों द्वारा सलामी दी जाती है।
स्वयं सरकारी तंत्र के सिपाही बाकायदा 2 दिन में सलामी देते है।। मध्य प्रदेश पुलिस के की ओर से सूर्योदय व सूर्यास्त के समय मंदिर में बंदूकों द्वारा सलामी दी जाती है।
मध्य प्रदेश के झांसी के पास ओरछा मेंं "राजा राम मंदिर"
जहाँ राम की पूजा किसी देवता की तरह नही भगवान की तरह होती है।।
ओरछा के राजा मधुकरशाह जो भगवान कृष्ण के भक्त थे, उनकी पत्नी कुआरी गणेश राम की परम भक्त थी।
एक बार राजा का वृंदावन जाने का मन हुआ उन्होंने अपने साथ रानी को भी ले जाने की इच्छा जाहिर की।।
परंतु रानी तो राम भक्त थी ना, वो भला कैसे जाती।।। इस बात पर राजा रानी में मतभेद हो गया गुस्से में आकर राजा ने कहा अगर तुम इतनी ही राम भक्त हो उन्हे पुत्र समान मानती हो तो क्यों नही बुला लेती उन्हे ओरछा
जहाँ राम की पूजा किसी देवता की तरह नही भगवान की तरह होती है।।
ओरछा के राजा मधुकरशाह जो भगवान कृष्ण के भक्त थे, उनकी पत्नी कुआरी गणेश राम की परम भक्त थी।
एक बार राजा का वृंदावन जाने का मन हुआ उन्होंने अपने साथ रानी को भी ले जाने की इच्छा जाहिर की।।
परंतु रानी तो राम भक्त थी ना, वो भला कैसे जाती।।। इस बात पर राजा रानी में मतभेद हो गया गुस्से में आकर राजा ने कहा अगर तुम इतनी ही राम भक्त हो उन्हे पुत्र समान मानती हो तो क्यों नही बुला लेती उन्हे ओरछा
'जो आज्ञा महाराज'- ऐसा रानी गणेश कुआँरी सरयू नदी के किनारे वहाँ तपस्या करने गई बहुत दिनों के बाद बाद भी उन्हे राम के दर्शन नही हुए जिससे उन्हे बहुत दुःख हुआ मगर उन्होंने हार नही मानी और प्रभु दर्शन की लालसा में लग गई मगर इस बार भी उन्हे दर्शन नही हुए,, निराश होकर उन्होंने खुद को खत्म करने के उद्देश्य से नदी कूद गई। बीच धारा में जब वो डूब रही थी भगवान स्वयं प्रकट हुए।। रानी गणेश ने कहा प्रभु मेरे साथ चलिये, और सब उन्हे बताया
राम बोले- रानी चलने से पहले मेरी कुछ शर्ते है अगर वो पूरी होंगी तभी मैं चलूंगा की मेरी तुम्हारे राज्य में अब कोई कर नही पड़ेगा राज्य की सत्ता स्वयम् मेरे हाथो में होगी।। महारानी गणेश ने हाँ कर दिया
उधर राजा को संदेश दिया गया की एक भव्य मंदिर बनवाया जाये
उधर राजा को संदेश दिया गया की एक भव्य मंदिर बनवाया जाये
रानी वापस आई मगर मंदिर का निर्माण अभी भी अधूरा था।। रानी के सोचा कुछ दिनों में ये पूरी तरह बन जायेगा तब तक मूर्ति को महल के अंदर रख दिया।। अ
अब मंदिर tyaar था शुभ महूर्त आया
मूर्ति को ले जाने लगे मगर मूर्ति अपनी जगह से नही हटी।
अब मंदिर tyaar था शुभ महूर्त आया
मूर्ति को ले जाने लगे मगर मूर्ति अपनी जगह से नही हटी।
सबने तरह तरह की कोशिश की मगर सब बेकार गया।
अंत में पूरे महल को ही प्रभु राम के लिए तेयार किया गया। और अब ओरछा की पूरी सत्ता भगवान के हाथ में थी।
सारे राज्य कार्य भगवान से पूछ कर किये जाने लगे।
मध्य प्रदेश पोलिस के सिपाही आज भी सलामी देते है दिन में २ बार।।
अंत में पूरे महल को ही प्रभु राम के लिए तेयार किया गया। और अब ओरछा की पूरी सत्ता भगवान के हाथ में थी।
सारे राज्य कार्य भगवान से पूछ कर किये जाने लगे।
मध्य प्रदेश पोलिस के सिपाही आज भी सलामी देते है दिन में २ बार।।
और भगवान के लिये बनाया गया चतुर्भुज मंदिर आज भी खंडहर पड़ा है वहां कोई भी मूर्ति स्थापना नही की गई।।
बेल्ट पर प्रतिबंध- यहाँ पर बेल्ट पर प्रतिबंध है क्योंकि ऐसा माना जाता है राजा के दरबार में अपनी कमर कसकर नही जा सकते इसे गुस्ताखी समझी जाती है।
प्रसाद - यहाँ प्रसाद में पान का बीड़ा मिलता है
आज भी ओरछा का राजा,राजा राम को माना जाता है।। राज्य की समस्याए उनके समक्ष जाती है।।
आप भी यहाँ जरूर जाये।।
आप भी यहाँ जरूर जाये।।
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