भैया थोड़ा वो पुदीने वाला पानी में तीखी चटनी लगा के अब 2 गोलगप्पे खिलाना-स्नेहा बोली
स्नेहा को गोलगप्पे बहुत पंसद थे जैसे हर लड़की को पंसद होते है☺
अनुज -भैया आप खिलाते रहिये रुकिए मत
स्नेहा-हम लडकिया तो यूँही बदनाम है तुम लड़के b कम गोलगप्पे नही खाते हो ऐसा कहकर दोनों वहाँ से चल दिये
वैसे ये पानी के बताशे भी ना हर दिल अजीज होते है और बताशे वाले भैया भी ना उनके सामने चाहे जितना बड़ा आदमी हो प्लेट❤ आगे करके ही खड़ा होता है ऐसे बाते करते करते स्नेहा और अनुज चलते जा रहे थे।।
ये उनदोनो का ही idea था|| की आज कार से नही ठण्डी हवा को महसूस करते हुए और दोस्ती की बाते करते हो आज का सफर पैदल ही तय किया जायेगा
अच्छा तुम बताओ तुम्हारा लाइफ को लेके क्या प्लान है स्नेहा ने अनुज से पूछा
अनुज-कुछ नही बस यही है तुम्हारे जैसे एक और पागल दोस्त ना मिले वरना और लाइफ का स्यापा हो जाएगा ऐसा कहकर वो हस दिया
अरे सीरियस बताओ स्नेहा ने कहा
अनुज-तो सुनो भला वो भी कोई लाइफ है जो प्लान पर चले लाइफ को खुद से ना खीचों वो जैसे चल रही है चलने दो
मुझे बस एक शांति वाला जीवन चाहिए जहाँ एक ठीक ठाक जॉब,ढेर सारी किताबे और कुछ अपने हो बस और क्या चाहिए होता है एक अच्छे जीवन के लिए
स्नेहा-ओहो तो ये बात है
मुझे भी कुछ ऐसा चाहिए मगर फिलहाल उसके पहले बहुत कुछ
बाते करते करते करते पता ही नही चला कब स्नेहा का घर आ गया
घर मतलब स्नेहा का P. G जहाँ वो रहती है अपने प्यारे से घर से दू
स्नेहा ने कहा
अनुज-अरे यार तुम ये bye कितना बोलती हो जब देखो bye bye।।
स्नेहा-अच्छा ठीक है ये pagal है क्या स्नेहा ने मन में कहा
स्नेहा अब प्यारे कमरे मे थी उसका कमरा जो काफी बेतरतीब था
मगर साफ था।।
अनुज भी अब घर पहुच चुका था।।
वो दोनों समझ चुके है कि किसी भी रिश्ते का रास्ता दोस्ती से होकर गुज़रेगा इसलिए वो अब बिना कुछ सोचे अपनी दोस्ती को मजबूत करने में लग गए, लेकिन उनका रिश्ता कहाँ तक जाएगा अब ये देखना होगा।
हसरतें आज भी खत लिखती हो,
तो कह देना मैं आज भी पुराने पते पर रहती हूँ,
मैं वो नहीं जो हर शख्स के साथ बदल जाऊँ।।
स्नेहा को गोलगप्पे बहुत पंसद थे जैसे हर लड़की को पंसद होते है☺
अनुज -भैया आप खिलाते रहिये रुकिए मत
स्नेहा-हम लडकिया तो यूँही बदनाम है तुम लड़के b कम गोलगप्पे नही खाते हो ऐसा कहकर दोनों वहाँ से चल दिये
वैसे ये पानी के बताशे भी ना हर दिल अजीज होते है और बताशे वाले भैया भी ना उनके सामने चाहे जितना बड़ा आदमी हो प्लेट❤ आगे करके ही खड़ा होता है ऐसे बाते करते करते स्नेहा और अनुज चलते जा रहे थे।।
ये उनदोनो का ही idea था|| की आज कार से नही ठण्डी हवा को महसूस करते हुए और दोस्ती की बाते करते हो आज का सफर पैदल ही तय किया जायेगा
अच्छा तुम बताओ तुम्हारा लाइफ को लेके क्या प्लान है स्नेहा ने अनुज से पूछा
अनुज-कुछ नही बस यही है तुम्हारे जैसे एक और पागल दोस्त ना मिले वरना और लाइफ का स्यापा हो जाएगा ऐसा कहकर वो हस दिया
अरे सीरियस बताओ स्नेहा ने कहा
अनुज-तो सुनो भला वो भी कोई लाइफ है जो प्लान पर चले लाइफ को खुद से ना खीचों वो जैसे चल रही है चलने दो
मुझे बस एक शांति वाला जीवन चाहिए जहाँ एक ठीक ठाक जॉब,ढेर सारी किताबे और कुछ अपने हो बस और क्या चाहिए होता है एक अच्छे जीवन के लिए
स्नेहा-ओहो तो ये बात है
मुझे भी कुछ ऐसा चाहिए मगर फिलहाल उसके पहले बहुत कुछ
बाते करते करते करते पता ही नही चला कब स्नेहा का घर आ गया
घर मतलब स्नेहा का P. G जहाँ वो रहती है अपने प्यारे से घर से दू
स्नेहा ने कहा
अनुज-अरे यार तुम ये bye कितना बोलती हो जब देखो bye bye।।
स्नेहा-अच्छा ठीक है ये pagal है क्या स्नेहा ने मन में कहा
स्नेहा अब प्यारे कमरे मे थी उसका कमरा जो काफी बेतरतीब था
मगर साफ था।।
अनुज भी अब घर पहुच चुका था।।
वो दोनों समझ चुके है कि किसी भी रिश्ते का रास्ता दोस्ती से होकर गुज़रेगा इसलिए वो अब बिना कुछ सोचे अपनी दोस्ती को मजबूत करने में लग गए, लेकिन उनका रिश्ता कहाँ तक जाएगा अब ये देखना होगा।
हसरतें आज भी खत लिखती हो,
तो कह देना मैं आज भी पुराने पते पर रहती हूँ,
मैं वो नहीं जो हर शख्स के साथ बदल जाऊँ।।
Nice one yarr keep it up.....
ReplyDeleteTHANKS dear
DeleteAise hi likhte raho apme logo ko badhane Ka hunar hai .... Sabhi bade kautuhal se apke agle hisse ke intjar main bane rahte hai
DeleteBhut bhut Thnks apka..
ReplyDeleteखूबसूरत
ReplyDeleteThank you
DeleteNyc story yr..keep it up
ReplyDeleteEkdam bkwas copied hai report krunga
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