माना नजदीकियाँ नहीं तेरे मेरे दरमियान,
मगर तुम चाहो तो इतनी दूरियां भी ना हो।।🙂
: सिर्फ ब्लॉक करने से क्या रिश्ते ख़त्म हो जाते है,😐
अगर ऐसा है तो हमारी फीलिंग्स का मतलब ही क्या है
माना मैंने ब्लॉक कर दिया तुझे हर जगह से मगर कैसे ब्लॉक कर दूं 😕हर उस फीलिंग को जो तुझसे जुड़ी है, ना जाने क्यों अभी भी मेरी उंगलियाँ तुम्हें सर्च कर लेती है, ना जाने क्यों कभी-कभी मैं तुम्हारी फोटो ध्यान से देख लेती हूँ।।।
पता है तुम इतने कुछ खास सुंदर नहीं हो मगर तुम्हारे जैसे मेरी फितरत कहा हर एक को देखने की
वैसे मैं तुम्हारा ये भी एक टैलेन्ट है ना दूसरों को भुला देने का फिर नए रिश्ते में जुड़ने का।🕺👯👯
मगर खुदा ने तो हमें उस टैलेंट से नहीं नवाजा ।।
अब बता इसमें मेरी गलती या तेरी या उस खुदा की।।।
पता है मुझे रिश्ते बहुत आसानी से टूट सकते है मगर उन्हें निभाया जाए तो उससे खूबसूरत कुछ भी नहीं होता।।।
जरूरी नहीं हर कहानी को अधूरा ही छोड़ा जाए
पूरा करके उसे मंजिल तक भी पहुँच सकते है।।
हाँ होता कुछ नहीं किसी के होने और ना होने से, मगर साथ होने से जो मुश्किलें होती है और जो दुःख होते है उनको पार करना आसान लगता है।
काश तुम समझ पाओ
काश तुम निभा पाओ
काश तुम्हें हर बात इतनी भी आसान ना लगे ।।।।
इश्क़ में कब कहां किसी की मनमर्जी चली है
कुछ निभा रहे, कुछ अपना रहे
और कुछ उसे यूँ ही बदनाम कर रहे
मगर तुम चाहो तो इतनी दूरियां भी ना हो।।🙂
: सिर्फ ब्लॉक करने से क्या रिश्ते ख़त्म हो जाते है,😐
अगर ऐसा है तो हमारी फीलिंग्स का मतलब ही क्या है
माना मैंने ब्लॉक कर दिया तुझे हर जगह से मगर कैसे ब्लॉक कर दूं 😕हर उस फीलिंग को जो तुझसे जुड़ी है, ना जाने क्यों अभी भी मेरी उंगलियाँ तुम्हें सर्च कर लेती है, ना जाने क्यों कभी-कभी मैं तुम्हारी फोटो ध्यान से देख लेती हूँ।।।
पता है तुम इतने कुछ खास सुंदर नहीं हो मगर तुम्हारे जैसे मेरी फितरत कहा हर एक को देखने की
वैसे मैं तुम्हारा ये भी एक टैलेन्ट है ना दूसरों को भुला देने का फिर नए रिश्ते में जुड़ने का।🕺👯👯
मगर खुदा ने तो हमें उस टैलेंट से नहीं नवाजा ।।
अब बता इसमें मेरी गलती या तेरी या उस खुदा की।।।
पता है मुझे रिश्ते बहुत आसानी से टूट सकते है मगर उन्हें निभाया जाए तो उससे खूबसूरत कुछ भी नहीं होता।।।
जरूरी नहीं हर कहानी को अधूरा ही छोड़ा जाए
पूरा करके उसे मंजिल तक भी पहुँच सकते है।।
हाँ होता कुछ नहीं किसी के होने और ना होने से, मगर साथ होने से जो मुश्किलें होती है और जो दुःख होते है उनको पार करना आसान लगता है।
काश तुम समझ पाओ
काश तुम निभा पाओ
काश तुम्हें हर बात इतनी भी आसान ना लगे ।।।।
इश्क़ में कब कहां किसी की मनमर्जी चली है
- कभी ना कभी तो इसने हर एक को अपने-अपने रास्ते में लिया है
कुछ निभा रहे, कुछ अपना रहे
और कुछ उसे यूँ ही बदनाम कर रहे
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ReplyDeleteKya khun likha haii ...Kabhi logo ko ye realistic lagegii
ReplyDeleteThankyou
DeleteRight
ReplyDelete👌
ReplyDeleteSukriya
DeleteAwesome tanu.....👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteThnks Ritu
Deleteआदरणीया जी बहुत बेहतरीन आलेख लिखा आपने पहली दो पंक्तियों ने मेरे मन की बात कहदी ढेर सारी बधाईयां 💐
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद।।।औऱ भी पढ़े औऱ हमेशा पढ़ते रहे ।।।
Deleteबहुत खूब
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