Thursday, October 4, 2018

कुछ अनकही बाते

माना तुम्हारे बिना सांसे ले रही हूं मैं,
मगर तुम होते तो बात ही कुछ और थी।।
पता नही क्यों फिर से तुम याद आने लगे,हाँ मुझे याद है सब,
कुछ भी तो नहीं भूली मैं
 नही तुम कैसे भूल जाना चाहते हो सब।
हाँ हुई है खतां मानती हूं😐
मगर उससे भी ज्यादा मोह्हबत थी ना एक बार बस एक बार रोक लेते🏃
तुम्हे भी पता था शायद की रुक जाउंगी मैं,तभी नहीं रोका ना ना।
 अच्छा,:-|(*_*)
खुश तो होंगे ना तुम बहुत
कोई हर बात पर टोकने वाला नही है
ये शर्ट नहीं वो पहनो
ये hairstyle नहीं वो करो
 शाम को जल्दी घर आ जाना गाड़ी धीमे चलाना
खैर अब नहीं कहता होगा ना कोई
की इतनी देर तक किसके लिए ऑनलाइन हो
ये फोन क्यों बिजी जा रहा
नहीं कहता ना कोई
हाँ हुई है खतां मुझसे
 क्यों बंदिशें लगाए क्यों पूछा क्यों कहा: मगर
कुछ पल तो इंतज़ार कर लेते
थोड़ा और प्यार कर  लेते
क्यों बदल दिए रिश्तो के मतलब
 क्यों याद तो आती होगी सोचते तो होंगे ही ना की हां कोई तो था जो इतना खास था जिसे तुमने आम कर दिया।।।(¯―¯٥)

22 comments:

  1. Heart touching lines tanu....well done

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  2. वाह एक हुनर ये भी है आपका

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    1. जिसमे आपको क्रन्तिकारी नजर आता ।।

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  4. Hm sb ki life Mai koi na koi hota h.. Jise hm khud se b jayda chahta h.. Use kabhi khona ni chahta😑

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  5. Usne isliy ni roka cuz if someone truly loves u and u have done nothing wrong , he won't leave u and if leaves, let them go

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  7. The pain of which, only he knows the pain

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