Wednesday, October 31, 2018

फेसबुकिया लडाई

तुम कब समझोगी कब सुनोगी मेरी बात
रात में ऑनलाइन होने का मतलब ये नही था की मैं तुम्हे इग्नोर करके किसी और से बात कर रहा था।।
SHe-अच्छा तो क्या मतलब था की वहां तुम Tata aur Gates के साथ इम्पोर्टेन्ट डील sign कर रहे हो।।
मुझे झूठ बिल्कुल भी नही पसंद और तुम बार बार वही कर रहे
He-अच्छा तुम्हे लगता है मैं प्यार नही करता सब मजाक है ना
She-हां अब ऐसा ही लगने लगा है
He-अरे माता जी माफ करो बताओ तो मैं ये fb ही हटा दू ये
She- फिर क्यों बार-बार bye बोल कर भाग रहे थे फेसबुक पर,

He-नहीं-नहीं मैं तो खुद बात करना चाहता था बार बार सोच रहा था कब तुम message करो और हमारी बात हो मगर तुम तो अपना अलग ही हमेशा गुस्से में रहती हो।।
मै सच में बहुत मिस कर रहा था की बात हो बात हो

She- अच्छा, ये बात थी

He- जुकरबर्ग तो अपना घर बसा के सबके घरों में लड़ाई कराते है
अब तुम ना शान्त रहो मैं ऐसा कुछ नही करूँगा जिससे तुम्हे बुरा लगे।।
ऐसा कह कर दोनों एक दूसरे के गले लग गये

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