Saturday, May 4, 2019

फोनी- फैन हो गया

चारो तरफ कोहराम था, ट्रेन सेवा रोक दी गई थी,सभी के कहा गया सुरक्षित रहे घरों में या आस पास के इलाके खाली कर दे, जाने कितने सालो बाद तबाही फिर से आने वाली थी..25 लाख से ज्यादा मैसेजस किये जा चुके थे, लाखो हाथ दुआ, प्रार्थना में उठ चुके थे, सोशल मीडिया पर दुआ का दौर चल रहा था, भारत के गरीब राज्यो में से एक उड़ीसा जो फोनी(फ़ैनी) से अपने को जान माल को छति पहुँचाने वाला था. मगर अपनी पिछली गलतियों से सबक लिया गया था इस बार सोचा गया था हम वो सब नही होने देंगे जो हर बार हुआ
उन्होंने अपने राज्य के लिये हर एक अच्छे इंतजाम किये, 43000 स्वयंसेवक प्रहरी की तरह तैनात थे, 1000 से ज्यादा आपतकालीन कार्यकर्ता थे, NDRF की टीम पूरी तरह त तैयार थी,हर एक माध्यम से उनोहने अपने लोगो को जागरूक किया, तटीय इलाको में सीटी बजाकर, लाउड स्पीकर बजाकर लोगो को बताया, उनको बेहद फ़िक्र थी अपनी 4.5 करोड़ लोगो की..हर बार तूफान ने उन्हे उजाड़ कर रख दिया था बाकी राज्यो से गरीब है वो।
मगर ये सिर्फ एक दिन का काम नही था इसके लिये उन्होंने 20 साल से मेहनत की थी, 1999 की त्रासदी के बाद जो पहला उन्होंने काम किया वो ये था समुद्र तटीय इलाको पर काफी संख्या में साइक्लोन होम बनाये, इस बार उन होम्स में खाने पानी की पूरी व्यवस्था थी, 300 बिजली से चलने वाली बोट्स और 2 हेलीकाप्टर 24×7 प्रबंधित थे।

वैसे भी प्रकृति जब अपने आवेग में होती है तो भला कहा रूकती हैं,किसी की सुनती है, मगर सबसे ज्यादा नुकसान उनका होता है जिनके पास सुविधाये नही होती.. एक विकासशील देश, उसका एक गरीब राज्य 120 मील प्रति घंटे की रफ्तार से आने वाले तूफान को पार पा चुका हैं।
समान्य होने में लंबा वक्त लगेगा मगर जो हुआ सरकार और प्रशासन ने किया उसके लिये वो आसमान भर तारीफ के काबिल हैं। दूसरे देश और राज्यो को सबक दिया है उन्होंने।।

उड़ीसा बधाई
हो।

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