जिन लोगो ने कहा था ये क्या बोल रही पागल हो गई है और भी ना जाने कितने सवाल जवाब जिसकी वजह से कुछ लोगो को बुरा लगा जबकि मुझे नही लगा क्योंकि हर बात का अलग स्तर होता है हर सबंध होता है, tiktok या UC Mini जैसे app का ना प्रयोग करके हम बिल्कुल भी जागरूक नही इस बात पर मगर देखिये अमेरिका जैसे दूसरे देश कितना जागरुक है बात सच है वो हमारा personal डाटा स्टोर करता है उसे अपने मतलब से बेचता या use करता है,
चीन ने हर बार भारत का विरोध किया जब जब भारत ने अंतराष्ट्रिय स्तर पर असद मजहूर को आतंकवादी घोषित कराना चाहा
वैसे भी china की तो इतनी जनसंख्या है ही तो उसे अपनी प्रोडक्विटी बढ़ानी ही पड़ती है और उनकी सरकार उन लोगो से और भी कम दाम में खरीद कर भारत में समान उपलब्ध कराती है उनकी तो वैसे भी मजबूरी है ही,ठीक है दोनो देशो से व्यापारिक सम्बन्ध मजबूत हो मगर वो तो दूर की बात है ना वो हमारे ही देश से व्यापार करके हमारे ही देश में आतंकवादी गतिविधियों के लिये फंड उपलब्ध कराता है, कभी चीन अधिकृत भारत पर आतंकवादी गतिविधियां नही हुई क्यों नही हुई क्योंकि उससे चीन को भी नुकसान होगा, चीन आतंकवाद पर मुद्दे पर वैसे भी कभी हमारे साथ नही उसने कभी भी खुलकर हमारा स्पोर्ट नही किया।
हमारा देश बहुत ही शांत देश है मगर 1971 के बाद से हमने भारतीय वायु सेना को फिर से शामिल करके पूरे विश्व को बता दिया है कि अगर हमारे ऊपर हमला होता है तो उसका मुहतोड़ जवाब देना भी जानते है और ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम कौन सा विकल्प तय करेंगे इसका फैसला भी हम खुद करेंगे किसी दूसरे देश से नही सलाह मशवरा करेंगे
अगर आप जल स्तर से भी अपनी गतिविधियाँ नही बंद करते तो उसके लिए भी हम तैयार है हमारी तीनो सेनाये साथ है।
मगर इस गतिविधि से ये साबित हुआ की भारत एक जिम्मेदार देश है जो सिर्फ आतंकवाद को खत्म करना चाहता है उसने सिर्फ जैश के ठिकानों पर ही बड़ा हमला किया और आतंकवादियो के सीने में कील ठोकी उसे पाकिस्तान के सामान्य नागरिक से कोई परेशानी नही थी, हमने अपनी कूटनीति ऐसी रखी कि हममें वायुसेना का प्रयोग करके ऐसा तालमेल रणनीति अपनाई जो सच में काबिल ए तारिफ है।
आप इसी देश के नागरिक है अपनी हर तरीके से जिम्मेदारी समझिये।
सिर्फ apps ही नही बाकी भी अपनी जिम्मेदारी अपने देश और सामाज के प्रति निभाइये
हाँ आप उसी भारत देश से हो जिसे शांत रहना भी आता है और 15-20 साल बाद इतनी बड़ी कार्यवाही करके दुनिया को दिखाना भी आता है कि हम किसी भी सूरत पर आतंकवाद नही सहेंगे हमे कोई कमजोर समझने की भूल ना करे।
मगर हाँ सिर्फ युद्ध ये विकल्प कभी भी नही हो सकता क्योंकि युद्ध से कोई भी देश 8-10 साल और भी पीछे चला जाता है बाकी इतना सब देश में हो रहा वो भी एक स्लो मोशन युद्ध के आसार जैसा ही रहा
हमारे देश को अभी युद्ध की जरूरत नही बल्कि अपने विकास मॉडल को और भी बढ़ाने की जरूरत है।
चीन ने हर बार भारत का विरोध किया जब जब भारत ने अंतराष्ट्रिय स्तर पर असद मजहूर को आतंकवादी घोषित कराना चाहा
वैसे भी china की तो इतनी जनसंख्या है ही तो उसे अपनी प्रोडक्विटी बढ़ानी ही पड़ती है और उनकी सरकार उन लोगो से और भी कम दाम में खरीद कर भारत में समान उपलब्ध कराती है उनकी तो वैसे भी मजबूरी है ही,ठीक है दोनो देशो से व्यापारिक सम्बन्ध मजबूत हो मगर वो तो दूर की बात है ना वो हमारे ही देश से व्यापार करके हमारे ही देश में आतंकवादी गतिविधियों के लिये फंड उपलब्ध कराता है, कभी चीन अधिकृत भारत पर आतंकवादी गतिविधियां नही हुई क्यों नही हुई क्योंकि उससे चीन को भी नुकसान होगा, चीन आतंकवाद पर मुद्दे पर वैसे भी कभी हमारे साथ नही उसने कभी भी खुलकर हमारा स्पोर्ट नही किया।
हमारा देश बहुत ही शांत देश है मगर 1971 के बाद से हमने भारतीय वायु सेना को फिर से शामिल करके पूरे विश्व को बता दिया है कि अगर हमारे ऊपर हमला होता है तो उसका मुहतोड़ जवाब देना भी जानते है और ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम कौन सा विकल्प तय करेंगे इसका फैसला भी हम खुद करेंगे किसी दूसरे देश से नही सलाह मशवरा करेंगे
अगर आप जल स्तर से भी अपनी गतिविधियाँ नही बंद करते तो उसके लिए भी हम तैयार है हमारी तीनो सेनाये साथ है।
मगर इस गतिविधि से ये साबित हुआ की भारत एक जिम्मेदार देश है जो सिर्फ आतंकवाद को खत्म करना चाहता है उसने सिर्फ जैश के ठिकानों पर ही बड़ा हमला किया और आतंकवादियो के सीने में कील ठोकी उसे पाकिस्तान के सामान्य नागरिक से कोई परेशानी नही थी, हमने अपनी कूटनीति ऐसी रखी कि हममें वायुसेना का प्रयोग करके ऐसा तालमेल रणनीति अपनाई जो सच में काबिल ए तारिफ है।
आप इसी देश के नागरिक है अपनी हर तरीके से जिम्मेदारी समझिये।
सिर्फ apps ही नही बाकी भी अपनी जिम्मेदारी अपने देश और सामाज के प्रति निभाइये
हाँ आप उसी भारत देश से हो जिसे शांत रहना भी आता है और 15-20 साल बाद इतनी बड़ी कार्यवाही करके दुनिया को दिखाना भी आता है कि हम किसी भी सूरत पर आतंकवाद नही सहेंगे हमे कोई कमजोर समझने की भूल ना करे।
मगर हाँ सिर्फ युद्ध ये विकल्प कभी भी नही हो सकता क्योंकि युद्ध से कोई भी देश 8-10 साल और भी पीछे चला जाता है बाकी इतना सब देश में हो रहा वो भी एक स्लो मोशन युद्ध के आसार जैसा ही रहा
हमारे देश को अभी युद्ध की जरूरत नही बल्कि अपने विकास मॉडल को और भी बढ़ाने की जरूरत है।
साभार - अमर उजाला
Bahut badiya
ReplyDeleteSahi h.
ReplyDeleteFake news
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