Friday, January 25, 2019

2019- भारत रत्न

भूपेन हजारिका जिन्हें भूपेन दा भी कहते हैं, जिन्हें आज भारत रत्न से सम्मानित किया गया है उनके साथ नानाजी देशमुख जो प्रसिद्ध समाजसेवी व संघ विचारक हैं और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न मिला है आइए जानते हैं भूपेन दा के बारे में कुछ विशेष

 भूपेन दा को सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया।
भूपेन दा के बारे में यह बात प्रसिद्ध है कि वह अपना गाना खुद ही लिखते थे खुद ही म्यूजिक डिसाइड करते थे और खुद ही गाते थे।
भूपेन दा के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ। हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इंकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन दा ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाये। उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। भूपेन दा को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
भूपेन दा ने मुख्यता असमिया में गाने गाये है क्योंकि यह उनकी मूल भाषा भी थी लेकिन भूपेन दा का जादू हिंदी और अन्य भाषाओं में भी खूब चला उनका प्रसिद्ध गाना "दिल हुम हूम  करे "आज भी लोगों की जुबान पर है और बेहद ही अच्छा माना जाता है.। 
इसके अलावा ओ गंगा तू बहती है क्यूँ भी अपने समय का हिट और आज भी लोगो का पसंदीदा है
  उनके  पिताजी का नाम नीलकांत एवं माताजी का नाम शांतिप्रिया था। उनके पिताजी मूलतः असम के शिवसागर जिले के नाजिरा शहर से थे। दस संतानों में सबसे बड़े, हजारिका का संगीत के प्रति लगाव अपनी माता के कारण हुआ।बचपन में ही उन्होंने अपना प्रथम गीत लिखा और दस वर्ष की आयु में उसे गाया।

 1946 मैं उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से M.A तथा इसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया था।


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